Friday, October 12, 2007

नवरात्रि

आई सं देश भर में नौ दिन तक मनायल जाइ वाला शारदीय नवरात्र के शुरूआत भ गेल... शुरूआत जलयात्रा आ कलश स्थापन के साथ भेल...पितृपक्ष के बाद नौ दिन देवी के नौ स्वरुपक पूजा कएल जाइत अछि...प्रथम शैलपुत्री, द्वितीय नवरात्र ब्रह्मचारिणी देवी, तृतीय नवरात्र चंद्रघंटा, चतुर्थ नवरात्र देवी कुष्मांडा, पंचम स्कंदमाता, षष्ठ नवरात्र कात्यायनी, सप्तम नवरात्र कालरात्रि, अष्टम नवरात्र महागौरी आओर नवम नवरात्र में भगवती के सिद्धियात्री रूपक उपासना होयत अछि...
एहि साल देवी मां दुर्गा डोली पर आबैत छथिन्ह आओर प्रस्थान महिषी पर...लोक सभ अपन घर पर दुर्गा पाठ कए मंदिर में सेहो दर्शन करय लेल पहुंचि रहल छथि। नवरात्र के दौरान लोक सभ व्रत, पूजा पाठ करैत छथि...सात्विक जीवन बिताबय छथि... मांसाहारी खाना छोड़ि देवी मां के पूजा अर्चना करैत छथि...गाम घर में मंदिर सभ के खुब नीक सं सजायल जाइत अछि...कई तरहक कार्यक्रम सेहो होयत अछि...नाटक, गीत- नाच -गान सभ होयत अछि...ऑर्केस्ट्रा मेला-ठेलाक सेहो मजा मिलैत अछि...मंदिर सभ में भारी भीड़ उमड़ैत अछि...
दिल्ली में छतरपुर मंदिर, झंडेवालान मंदिर में विशेष भीड़ रहैत अछि...वैष्णो देवी मंदिर, कामाख्या देवी, ज्वाला देवी, विंध्या देवी मंदिर में नौ दिन तक पूजा अर्चना करल लेल लोकक भीड़ लागल रहत...गुजरात आओर कई जगह गरबा आओर डांडिया के धूम रहैत अछि... नवरात्र के नौ दिन पूजा पाठ त चलते अछि...खरीदारी सेहो खुब होयत अछि...दोकानदार सभ नव नव स्कीम... सेल सं लोकक के खरीदय के ऑफर दैत छथिन्ह...नवरात्र के दौरान लोक सभ दोसरो शुभ काज करैत छथिन्ह...

Wednesday, October 10, 2007

मैथिलीक पढ़ाई

मैथिलीक अपन गौरवपूर्ण इतिहास आओर समृद्ध साहित्य रहल अछि...अष्टम अनुसूची में एकरा स्थान मिल चुकल अछि। सरस आ मधुर मैथिलीक लेल सैकड़ों साल पहिने विद्यापति कहने छलथिन्ह देसिल बयना सभ जन मिट्ठा...मैथिलीक मिठास, भाषाक लोच अद्भुत अछि...लालू यादव के मुख्यमंत्री बनला के बाद सं मैथिली मातृभाषा के रूप में सिलेबस सं हटा लेल गेल...आब त मैट्रिक या कॉलेज में विद्यार्थी सभ तं मात्र ५०...१०० नंबर लेल एकरा एकटा विषयक रूपे रखि लैत छथि।ओना अगर कॉलेज, विश्वविद्यालय में पढ़ाई के रूप में देखल जाय त मैथिलीक पढ़ाई सभस पहिने कलकत्ता विश्वविद्यालय में १९१७-१९१८ में शुरू भेल....१९२५-२६ में बनारस में शुरू भेल...पटना विश्वविद्यालय में सेहो १९३७-३८ में मैथिलीक पढ़ाई शुरू कएल गेल... १९७२ में दरभंगा में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय बनला के बाद एहिठाम सेहो एकर पढ़ाई शुरू भेल...एखन बिहार झारखंड के सभ विश्वविद्यालय में मैथिलीक पढ़ाई भ रहल अछि...मिथिलाक संगहि मैथिलीक पढ़ाई नेपाल के त्रिभुवन विश्वविद्यालय में होयत अछि.....बांग्लादेश के ढ़ाका विश्वविद्यालय में कवि कोकिल विद्यापति एकटा विषयक रूप में पढायल जाइत अछि...जकरा लेल मैथिली भाषाक ज्ञान जरूरी अछि...इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय में मैथिलीक पढ़ाई शुरू करबाक लेल प्रस्ताव भेजल सेहो गेल अछि।मुदा मैथिलीक प्रचार प्रसार के लेल मिथिलाक लेल संघर्ष करय वाला लोक सभ के ई बात पर ध्यान देबय पड़त कि मिथिलांचल में दोकानक, ऑफिसक बोर्ड, प्रचारक बैनर होर्डिंग मैथिली में होय एकर कोशिश कएल जाय...एहन कोशिश कएल जाय जे मैथिली भाषा में बेसी सं बेसी किताब सभ मार्केट में आसानी में उपलब्ध भ सकय।गीत-नादक कार्यक्रम बेसी सं बेसी भ सकय त आओर नीक.मैथिलीक विकास के शुरुआती तौर पर प्राकृत आओर अपभ्रंश केर विकास सं जोड़ि क देखल जाय अ...करीब ४-५ करोड़ लोक मैथिली के मातृभाषा के रूप में प्रयोग करय छथिन्ह...मैथिली के अपन समृद्ध इतिहास रहल अ...मैथिली के अपन लिपि अछि मिथिलाक्षर...आओर1965 में साहित्य अकादमी सं मैथिली के साहित्यिक भाषाक दर्जा मिलल। २००३ में एकरा संविधानक अष्टम अनुसूची में शामिल कएल गेल...मिथिलांचल केर बाहर सेहो कयटा विश्वविद्यालय में मैथिलीक पढ़ाई होयत अछि।मुदा करोड़ों लोकक बजनिहार होयबाक बादो एकर जे विकास होबाक चाहि नहिं भेल...राज्य राजनीति केर कारणे ई उपेक्षा के शिकार बनल रहल...स्कूल कॉलेज में एकर पढ़ाई कम भ गेल...मातृभाषा के रूप में ई पाठ्यक्रम सं हटा देल गेल...एकरा लेल सिर्फ राजनेते सभ के दोष नहिं देल जा सकय अ...मैथिल लोक खुद कम जिम्मेदार नहिं छथि...ओ अपन नुनु, बुच्ची के मैथिली नहिं पढ़ावय छथिन्ह...मिथिला में दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, पूर्णिया, सहरसा कतौ चलि जाउ...अहां के अकटा अक्षर मैथिली में लिखल नहिं मिलत...कोनो बैनर, बोर्ड, होर्डिंग, विज्ञापन, पर्चा मैथिली में देखय के नहिं मिलत । एहि लेल की सरकार के दोष देल जाउ ? सवाल अई आखिर कहिआ तक मैथिली के आ हाल रहत ? एकरा अपन उचित सम्मान कहिआ मिलत? पढ़बा-लिखवा आओर बजबा में जे मैथिल सभ में उदासीनता आयल अछि ओकरा कि कलह जाय...ऑर्कुट पर तं कएटा मैथिल साफ साफ मना कए देला जे हमरा सं मैथिली में स्क्रैप नहिं करुं।ओना दिआ लक खोजलो पर शायदे कोनो भाषा मिलय जेहि में मैथिली सन मिठास होय...मैथिली तं प्रेम, प्यार केर भाषा अई...अहि में त हम ककरो सं जोर स बात तक नहिं कए पाबैत छी... गाम घर में कई बेर एहन देखबा के मिलल जे लड़ाई झगड़ा के समय जोर जोर सं बोलबा के क्रम में ओ हिंदी...अंग्रेजी पर चलि आबैत छथिन्ह...मैथिली में तं अहां झगड़ा कए नहिं सकैत छी...मैथिली के बारे में कइ लोक सं अहो सुनय के मिलल जे ई ब्राह्मण, कायस्थक भाषा अछि...ऐहन नहिं छै मुदा आम लोक ज्यादा सं ज्यादा एकरा प्रयोग में लयताह एकरा लेल जागरुकता लाबय के जरूरत छै...अलख जगाबय के जरूरत छै...जखन तक लोक में अपन भाषाक लेल प्यार, अनुराग नहिं देखबा में मिलत...एकर विकास संभव नहिं...ओना अष्टम अनुसूची में शामिल भेला के बाद एक बेर फेर सं हालात बदलय केर उम्मीद जागल अछि।हमरो सभके लिखय-पढ़य आ बाजय में बेसी सं बेसी एकर प्रयोग करय ।

जीतिया पावनि

मिथिलांचल में पावनि केर कोनो कमी नहिं अछि...मधुश्रावणी, बरसाइत, सामा चकेवा , चौरचन, कोजगरा, जूड़िशीतल ऐहन कतेक पावनि अई...मुदा गाम घर सं बाहर रहला पर कई बेर पता नहिं चलय छै...एहने में एकटा पावनि जितिया पिछला हफ्ता मिथिलांचल में मनाओल गेल...धार्मिक आस्थाक संगहि संग प्रकृति आओर सामाजिक रूप सं अहि पावनि केर खास महत्व अई...एहि पावनि में माय सभ अपन पुत्र...संतान के दीर्घजीवी होबय के कामना करैय छथिन्ह...एहि पावनि में मरुआ... माछ... साग... मिठाईक खास महत्व अई...नदी, पोखरक कात कथा सुनल जायत अछि...ओना जीतिया पावनि मनाबय के पाछा कथा छई जे एकटा राक्षस एकटा गाम में आतंक मचौने छल जकरा स श्रीकृष्ण जी जीमूत वाहन के रूप में अवतार लय रक्षा कएने छलथिन्ह...एहि पावनि में दिन राति सहय पड़य छै...उपवास करय पड़य छै...कहावत सेहो छै... जे जीतिया पावनि बड़ भारि...धिया पुता के ठोकि सुतलन्हि, अपने खयलन्हि भरि थारि।

बयान सं बवाल

जी कृष्णैया हत्याकांड में राजनेता सभ के मिलल सजा केर बाद गृहसचिव अफजल अमानुल्लाह के बयान स राज्य में खलबली मचल अछि...कृष्णैया मामला में फैसला आबिते गृह सचिव ई कहि सनसनी फैला देलाह कि सरकार के 21टा बाहुबली पर खास नजर अछि आओर जल्दीए हुनका सभ के ऊपर शिकंजा कसल जायत...आपराधिक पृष्ठभूमि वाला राजनेता आओर बाहुबली जिनका ऊपर शिकंजा कसल छनि हुनकर संख्या ४३ अछि...मुदा 21टा बाहुबली नेता पर खास नजरि अई जे हत्या केर मामला में फंसल छथि।२१ टा बाहुबली के संकेत देल गेल... खबर अई जे ओहि में प्रभुनाथ सिंह, सूरजभान सिंह, सुनील पांडे, शहाबुद्दीन, पप्पू यादव, राजन तिवारी, अनंत सिंह आओर रामा सिंह के नाम शामिल अई...मुदा गृह सचिव केर बयान के बाद जे बवाल शुरू भेल अछि...ओ शांत होबाक नाम नहिं ल रहल अछि...प्रभुनाथ सिंह त सभस बेस भड़कल छथि...हुनकर कहनाय छैन जे गृहसचिव के ई अधिकार के देलक जे ओ ऐहन बात करैत छथि...सरकार स हुनका हटावय के मांग सेहो शुरू भ गेल...सरकार सेहो परेशान अई...श्री अमानुल्लाह के माननाय छनि जे ई लोक मामला के लटकाबय के हरसंभव कोशिश करताह...कोनो हथकंडा अपना सकय छथि॥मुदा एहि मामला के राजनीतिक रंग लेनाय कारणे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृहसचिव से बात करय पड़ल...मुदा श्री अमानुल्लाह के साफ कहनाय छैन जे कानून के डंडा देखते लोक सभ हुनका ऊपर आरोप लगा रहल छथि...जे होय गृह सचिव के बयान स राज्य के बाहुबली नेता सभ परेशान छथि...एहि तरहक कोनो शिकंजा कसल जाय अ त राज्य के लोक सभ चैन स सांस ल सकताह...मुदा राजनीतिक गणित ऐहन होयछ जे आगा कि होयत किछु नहिं कहल जा सकय अ...किएक त कएटा नेता के पीछा बड़का वोटबैंक जुड़ल छैन।

टीवी जर्नलिज्म

ऑर्कुट पर एकटा मित्र के स्क्रेप आयल कि इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता में केना आयल जाय आओर ई की छै एकरा बारे में किछु बताउ...हमरा विचार सं एकरा बारे में ब्लॉग पर बतयनाय बेस नीक होयत... किएक त एहि बारे में आओर लोक के सेहो पता चलि जैतन्हि...आई काल्हि मीडिया में सभस तेजी सं बढ़य वाला किछु अई त ओ अछि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया...टीवी जर्नलिज्म...पहिने त दूरदर्शन आ आकाशवाणीए छल... मुदा आब त ऐहन हाल छे जे चैनलक बाढ़ि आबि गेल ...न्यूज़ चैनल देखल जाय त आजतक, स्टार न्यूज, इंडिया टीवी, एनडीटीवी, आईबीएन ७, जी न्यूज़... आओर सहारा समय टीआरपी में ऊपर रहय वाला चैनल अई...ई त भेल हिन्दी वाला अंग्रेजी में एनडीटीवी २४/७ , सीएनएन आईबीएन, टाइम्स नॉउ, प्रमुख अई...एकरा अलावा सीएनबीसी आवाज, जी बिजनेस, एनडीटीवी प्रॉफिट, मेट्रो नेशन, तेज, सहारा समय एनसीआर, मुंबई, उत्तर प्रदेश/ उत्तराखंड, बिहार/ झारखंड, मध्यप्रदेश/ छत्तीसगढ़, ईटीवी, टोटल टीवी, एस वन, एमएचवन जैसन दर्जनों चैनल अई...आओर जल्दीए बीएजी, त्रिवेणी, आईएनएक्स, सहारा समय के उर्दु, राजस्थान आओर पंजाब चैनल आबय वाला अछि।जखन एतेक चैनल आबि रहल छै त लोकसभ के सेहो राखि रहल छै...एहि कारणे एहि चैनल सभ में रोजगार के अवसर सेहो ढेर-ढाकि छै...एकरा लेल विज्ञापन आबय के इंतजार करय के सेहो जरूरत नहिं...सीवी...बॉयोडाटा ल क चैनल सभ में कनि दौड़ धूपि करिऔ...सफलता मिलत...इलेक्ट्रानिक मीडिया में ज्यादातर लोक एंकर या रिपोर्टर बनय लेल आबैत छथि... मुदा एकर संख्या सीमित रहय छै... एंकर, रिपोर्टर के अलावा बहुत किछु आओर छै जकरा में हाथ अजमाइल जा सकय छै...आओर ऊ सभ परदा के पीछा होयत अछि...आम लोक के ओकरा बारे में ज्यादा पता नहि होयत छनि...एहि मे प्रोडक्शन असिस्टेंट, असिस्टेंट प्रोड्यूसर, प्रोड्यूसर, सीनियर प्रोड्यूसर, कैमरामैन...साउंड, विजन, डायरेक्शन, मेकअप सं लSक गेस्ट कॉर्डिनेशन तक के जॉब मिलैत अछि...अहां जेहि में लगाव अछि...काज के लेल अप्लाई क सकय छी...मुदा एहन नहिं होयत कि कतउ सं अयिलौं आ नौकरी के लेल अप्लाई कय देलौंह...एकरा लेल अहांक के पहिने से जानकारी होबाक चाहि... या त अहां पहिने से पेपर...अखबार में काम कएने होय या ओकरा लेल रिपोर्टिंग कएने होय...तखनो इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आबय लेल कोनो मास कम्यूनिकेशन संस्थान सं डिप्लोमा या डिग्री कोर्स क लेल जाय त बेस नीक...कोर्स के लेल नाम लिखयबाक लेल कम स कम बीए होबाक जरूरी छै...आब त कइटा टीवी चैवल वाला सेहो ट्रेनिंग संस्थान खोलि लेलक अ... मीडिया ट्रेनिंग के लेल सभस नीक संस्थान अई भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी)...आओर जामिया ...एकर अलावा सैकड़ों संस्थान डिप्लोमा, डिग्री कोर्स कराबय छै...इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अहां दु भाग में देखि सकय छी...एडिटोरियल आओर टेक्नीकल में...एडिटोरियल में सेहो इनपुट आओर आउटपुट होइत अछि...एहि में अहां रिसर्च, प्रोग्रामिंग के सेहो रखि सकय छी...इनपुट के लोक बाहर सं खबर मंगयबा पर ध्यान दै छथिन्ह...ओ सदिखन रिपोर्टर सभ स सम्पर्क में रहैत छथिन्ह...स्टोरी प्लान करय छथिन्ह...शॉट्य सभक जोगाड़ करय छथिन्ह...आओर आउटपुट वाला फील्ड स आयल न्यूज के प्रसारण लायक बनाबय छथिन्ह... स्टोरी के केहन मोड़ देबय के छई... ओकरा पूरा स्टोरी बनाबय के छई या ग्राफिक्स देबय के छई...सिर्फ खबर पढ़ि क कनि शॉट्स देखयबाक छै या ओकरा विशेष रुप देबय के छै... सभ आउटपुट के तय करय पड़ैछ...स्टोरी के स्क्रिप्ट तैयार भ गेला के बाद ओकरा एडीटिंग के लेल भेजय पड़ैत अछि...वीडियो एडीटर ओकरा शॉट्स...बाइट लगाक इफेक्ट द तैयार करय छथिन्ह...एकरा बाद पीसीआर(प्रोडक्शन कंट्रोल रुम) में स्टूडियो डायरेक्टर, स्वीचर, साउंड इंजीनियर, टीपी सभ के लोक रहैत छथिन्ह...स्टोरी ...प्रोग्राम में नव जीवन देबय लेल ग्राफिक्स डिजायनर, प्रोग्रामर सभ रहैत छथिन्ह...एकरे साथ एमसीआर...इंजेस्ट डिपार्टमेंट होयत...यानी सिर्फ रिपोर्टर एंकर के जॉब नहिं अहां दोसरो लेल अप्लाई क सकय छी...आ एहि क्षेत्र में अपन पैर जमाबय चाहय छी त कैमरा...डायरेक्शन...एडीटिंग...एनीमेशन...ग्राफिक्स के पढ़ाई के एहि में अपन भाग्य अजमा सकय छी... एहि लेल यदि एंकर...रिपोर्टिंग में नहिं होय त निराश होय के जरूरत नहिं छै...स्क्रिप्ट राइटिंग स लक एडीटिंग...कैमरा तक बहुत किछु छै जाहि लेल अहां पढ़ाई कए सकैय छी...अप्लाई क सकय छी आओर काज क सकय छी.

प्याजक दाम


प्याजक दाम आसमान छू रहल अछि...एकर बढ़ल दाम सं लोकक आंखि सं एक बेर फेर लोर खसय लागल अई...दिल्ली में त प्याज ३० रुपए किलो तक बिक रहल अछि...महीना दिन पहिने एकर दाम १० सं १५ रुपए किलो छल... दिल्लीए नहिं देशक सभस बड़का प्याजक मंडी नासिक में सेहो प्याज किल्लत भ गेलय अ...पानि सं प्याजक नवका फसल के नुकसान पहुंचल अ आओर पुरनका स्ट़ॉक सेहो खत्म होय वाला छई...ऐहन में जखन तक दोसर ठाम सं नवका स्टॉक नहिं आयत , कमी बनल रहत। ओना एहि स जुड़ल लोक के कहनाय छैन जे एहि बेर प्याज पिछला बेर स ज्यादा उपजल अ...भ सकय अ २०-२५ दिन में कर्नाटक, महाराष्ट्र आओर राजस्थान सं नवका खेप अयला पर दाम में किछु कमी आबय...मुदा एकर दाम बेर- बेर नहिं बढ़य एकरा लेल सरकार के ठोस आओर दीर्घकालीन नीति बनाबय के जरूरत अई... किएक त २०-२५ दिन बाद जे होय अखन त लोर निकलिए रहल अछि...एकर दाम पर राजनीति सेहो होयत आइल अ...कई बेर त एकरा लक सरकार तक गिर चुकल अई...ओना रमजान आओर पूजा के महीना में लोकक गुस्सा नहिं फूटय एकरा लेल दिल्ली सरकार के त कई ठाम प्याज बेचय लेल स्टोर खोलय पड़ल अ।

आनंद मोहन के सज़ा

तेरह साल पहिने...४ दिसम्बर १९९४ के बाहुबली विधायक मुन्ना शुक्ला के बड़ भाई छोटन शुक्लाक हत्या क देल गेल छल...एकर अगिला दिन ५ तारीख के मुजफ्फरपुर के खबरा में हत्याक विरोध में हजारों लोक शव लक सड़क पर उतरि गेलाह...हत्या के लक ओहि समयक लालू सरकार के खिलाफ लोक में बड़ गुस्सा छल...सरकार...प्रशासन के खिलाफ नाराबाजी करैत भीड़ आगा बढ़ि रहल छल...कि संयोग देखियौ तखने गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया मुजफ्फरपुर सं मीटिंग कए हाजीपुर दक लौटि रहल छलाह...भीड़क लोक सभ ई कहैत हुनकर गाड़ि पर टूटि पड़क कि छोटन शुक्ला के हत्या प्रशासनक मदद सं भेल अछि...हुनका घेर क हत्या कए देल गेल...१३ साल चलल अदालती लड़ाई के बाद फैसला आइल...सात लोक के दोषी मानल गेल...जहि में भीड़क नेतृत्व करय वाला पूर्व सांसद आनंद मोहन के फांसी के आओर हुनकर पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद के उम्रकैद केर सजा सुनालय गेल...बाहुबली विधायक मुन्ना शुक्ला के उम्रकैद के सजा सुनाइल गेल...फैसला के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील कएल जा सकय अ...फांसी के सजा होय के बाद आनंद मोहन के गांव सहरसा के पंचगछिया में गमक माहौल बनि गेल...हुनका घर पर लोकक तांता लगि गेल...आसपास के इलाका में आनंद मोहन के बड़ प्रभाव छैन...हिनकर दादाजी स्वर्गीय रामबहादुर सिंह स्वतंत्रता सेनानी छलाह आओर परिवार के कई लोक आजादी के लड़ाई में भाग लेने छथिन्ह.

ऑर्कुट-मैं हूं ना

आई काल्हिक भागि-दौड़ केर दुनिया में हम सभ नहिं तं ककरो अपन दिलक बात कहि पावय छी आ नहिं सुनि पावय छी...बस काज...काज आओर काज...एहि में हमर सभक दुनिया सिमटि कय रहि गेल अछि...ऑफिस सं घर आ घर सं ऑफिस...दोसर कोनो काज नहिं...आओर काज स बढय अ टेंशन...ऑफिस में काजक टेंशन...पढ़ाई के टेंशन...तं एक्जामक टेंशन...नौकरीक टेंशन...बॉस स झिक-झिक... गर्लफ्रेंड स अनबन...मनमुटाव...टेंशने...टेंशन... एहि में हम चाहैत छि जे कोई एहन होय जकरा स दिलक बात क सकी...कोय एहन होय जकरा सं अपन दुख दर्द बांटि सकी... जकरा सं दिलक बात करी त ओ मजाक नहिं बनाबय...ऊ भरोसा के लायक होय...अगर कोनो बात बताबि त ओकरा गंभीरता स लय...एहि सभ के ध्यान में रखि ऑर्कुट पर हम बनौने छी एकटा कम्युनिटी...मैं हूं ना...एहि में हम सभ एक दोसर स अपन दिलक बात करब...सुनब... पूरा धैर्य के साथ...धीरजक साथ...दोसराक परेशानी पर हंसय के बजाय हम ओकरा सुलझाबय के कोशिश करब... हुनकर दपख दर्द के दूर करय के कोशिश करब...जतय गोपनीयता बरतय के जरूरत होयत बरतब... किएक तं आजुक युग में एहन लोक मुश्किल सं मिलैत अई जे दोसर के बात धैर्य स सुनय छथि आओर ओकरा पर हंसि नहिं ओकरा दूर करय के कोशिश करय छथि...आई सभ लोकनि अपन बात कहय त चाहैत छथि मुदा सुनय नहिं चाहैत छथि...कोई अगर सुनाबय चाहैत छथिन्ह त ओकरा अनसुना कए दैत छथिन्ह...त एहि मै हूं ना में हम सभ ओहन लोकके परेशानी दूर करय के कोशिश करब... अगर अहांके लगय अ कि अहां में एतेय गट अई...एतेक ताकत...ऊर्जा अई...एतेक धैर्य अई त आगा आऊ आओर पूरा गंभीरता स लोकक बात सूनय के कोशिश करू...हुनका ई विश्वास दिलाबिओ जे घबराउ नहिं...हमरा पर भरोसा करु...हमरा सं अपन दिलक बात खुलिकए करु किएक त ...मै हूं ना। कम्यूनिटी के हर सदस्य एक दोसर से कहिऔ मै हूं ना।http://www।orkut।com/Community.aspx?cmm=36357150

मधुश्रावणी

आई प्रेस क्लब स बाहर निकलैत समय पवनजी मिल गेलाह...पुछलएन्हि कि औ बड़ दिन बाद दर्शन देलहुं...त कहलाह गाम गेल छलहुं मधुश्रावनी पर...पानि के कारण बाढ़ि में गामे पर फंसि गेलहुं एहि कारणे आबय में देर भ गेल...मधुश्रावणी के बात आबतहि मन भेल जे एकरा बारे में अहां सभ बात कएल जाय... मधुश्रावणी केर अपन मिथिला में विशेष स्थान अई...ई नवविवाहिता स्त्रीक पावनि अछि...नवकनिया सभ अपन पतिक दीर्घायु लेल ई पावनि करैत छथि...ई पावनि नैहर में मनायल जाइत अछि...मुदा एहि बेर बाढ़ि के कारणे कइटा नवकनिया के सासुरे में पूजा करय पड़लन्हि...मधुश्रावणीक पूजा विवाहक पहिल सावन केर नागपंचमी के दिन शुरू होयत अछि आओर तेरह दिन तक लगातार पूजा होयत अछि...अहि में तेरहों दिन नव नव कथा सुनायल जायत अछि...कथैथिन कथा कहैत छथिन्ह... एहि में गृहस्थ जीवन में प्रवेशक कहानी- कथा होएत अछि...जेहि में व्यावहारिक पहलू के साथहिं यौन शिक्षा सेहो रहैत अछि...एहि कथाक बड़ महत्व अछि...एकरा एहि तरहे बनाओल गेल अछि कि एकरा पालन कएला सं जीवन सुचारु रूपें चलि सकय...अनुभवक सार रहैत अछि कथा में।हमरा याद अछि जे गाम पर रहैत छलहुं त भरि मधुश्रावणी गामक छटा किछु अलगे रहैत छल...लाल, पियर, हरिहर साड़ी में जखन नैहर आयल नवविवाहिता सभ फूल लोढ़वाक लेल निकलैत छलन्हि तं ऊ दृश्य दोखवा जोगर होयत छल...नवविवाहिता सभ हाथ में डाला लेने मंदिर जाक पूजा करैत छलन्हि...ओहो एकसरे नहिं टोली बनाकए...हुनका सभक संगे कुमारि सखी सहेली...धिया पुता सभ रहैत छलन्हि...पूरा माहौल रंगीन बनल रहैत छल।असल में सावन में बरसातक मौसम में सांप ढ़ोरि खूब निकलैत अछि...आओर ओकरा से पति के बचावय लेल...आ दीर्घायू के कामना के लेल विषहरी के पूजा कएल जाइत अछि...मिथिला केर हर पावनि त्यौहार लोक जीवन स जुड़ल अछि आओर ओकरा स जुड़ल अई लोक कथा...एहि लेल तेरहों दिन नव नव कथा सुनाएल जाएत अछि...

इंद्र पूजा

उत्तर बिहार या ई कहियौ मिथिलांचल में लगातार कई दिन सं भ रहल बारिश स इंद्र पूजा में ओतेक रमन चमन नहिं रहल...ओना इंद्र पूजा सभ ठाम होबो नई करय अ...दरभंगा, राजनगर आ मधुबनी में ई पूजा खूब धूमधाम सं मनायल जाइत अछि...ई तीनु जगह में मधुबनी में रमन चमन किछु ज्यादा रहय छै...दरभंगा में तS इंद्र भवन में पूजा होइत अछि आओर इंद्र मैदान में मेला लगैत अछि...ओना मेला में आब ओ बात नहिं रहल...राजनगर में लाइब्रेरी बिल्डिंग कैम्पस में होइत अछि...एहि ठाम आब जगह कम पड़ैत अछि...ओना जगहक दिक्कत मधुबनी में सेहो होयत अछि मुदा मेला ठेला में एहि ठाम किछु ज्यादा रौनक रहय छै।इंद्र पूजा में एहि बेर सेहो खूब धूमधाम स तैयारी कएल गेल...खूब सजावट कएल गेल...झालर बाति...फूल पत्ती लगाएल गेल...इंद्र भगवानक आओर दोसर देवताक बड़ नीक...सुन्दर मूर्ति बनाएल गेल...कइटा पंडाल बनाओल गेल...पंडाल के सजावट त देखते बनय...मधुबनीए केर नहिं बाहर सं सेहो दोकानदार सभ एहिठाम आबि अपन अपन दोकान सजयलाह...मुदा बारिशक कारणे रंग में कनि भंग पड़ि गेल...लोक कमे घर स निकलैत छथि...चारु कात कादो-कादो बनल अछि...पूजा छै त दर्शन करय त जाइए पड़त मुदा बड़ दिक्कत भ रहल छै...बरखा सं दोकानदार सभ सेहो झक मारय पड़ल...ओना पानि कम होला पर मौसम जखन साफ भ जाइत अछि लोकक भीड़ उमड़य लागैत अछि...मौसम साफ रहला पर लोक सभ भगवान इंद्र के साथ- साथ दोसरो भगवान के देर तक दर्शन करैत छथि... रंग बिरंग के पंडाल सभ के देखय छथि...सजावट देखय छथि...चारि चक्कर लगा दैत छथि... रंगीनी बनय रहल अछि... पानि में त सभ किछु कादो कादो भ जाइत अछि...थियेटर...झूला...आ दोसर प्रोग्राम सभ के आनन्द सेहो मौसम साफ रहलाए पर मिलैत अछि...

अहिंसा दिवस

दु अक्टूबर अखन धरि गांधी जयंती के रूप में मनायल जाइत छल...मुदा आब ई भारतहि के लेल नहिं दुनिया भर के लेल खास दिन भ गेल अछि...दुनिया भर में आई २ अक्टूबर अहिंसा दिवस के रूप में मनायल जा रहल अछि. एहि सं गांधी जी के सत्य आओर अहिंसाक संदेश आओर मजबूती से ऊभरल अई. आतंकवाद स जूझि रहल दुनिया के मानय पड़ल कि अंहिसा स बड़का कोनो धर्म नहिं...एकरा स बढ़िक कोनो हथियार नहिं.
दुनिया में आई काल्हि जे मारि-काटि मचल अई...हथियारक होड़ मचल अई... खून खराबा भ रहल अई...चारू कात अशांति फैलल अई...एहि में गांधीजी के विचार सभस कारगर अई...आखिर देर सबेर संयुक्त राष्ट्र के सेहो मानय पड़ल जे सत्य, शांति आओर अहिंसा एहन डोर अई जकरा स दुनिया के एक सूत्र में बांधल जा सकय अ.
भारत में हम सभ त कहिते छलहुं...आब दुनिया के सेहो कहय पड़ल जे गांधीजी के संदेश...आदर्श...विचार आईओ प्रासंगिक अई...ओना बापू के बतायल सत्य, शांति
आओर अहिंसा केर रास्ता पर चलनाय आसान नहिं अछि....ई रास्ता जतय देखय में आसान अछि ओतेक अछि नहिं...एकरा लेल दृढ़ संकल्पशक्ति के जरूरत छै...ओकर बिना ई संभव नहिं...ऊ त राष्ट्रपिता बापूए छलाह जे शुरू सं अंत धरि अपन सिद्धांत पर टिकल रहला...चलैत रहल...आओर ई साबित क दिखयलाह जे अन्याय...हिंसा केर विरोध हथियार स नहिं अहिंसेS सं भ सकैत अछि...ओना बापू के सत्य अहिंसा में कतेक ताकत छई ई बात अंग्रेज स नीक आओर के समझि सकय अ जकर सत्ता के बापू उखारि फेंकलथिन्ह.

रिंकु पर केस

तीन साल के बुच्ची...आओर ओकरा पर मारि-पीट करय के केस...विश्वास नहिं होयअ... हमरो नहिं होयत छल...मुदा कि करबय । अपन मिथिलांचल में रोज किछु नई किछु नव होयत रहैत अछि...दरभंगा के बहादुरपुर में एहिना भेल...एहि ठाम चोरि आ मारि-पीट के आरोप में एकटा तीन साल के बुच्ची के अभियुक्त बनाओल गेल...ओना तीन साल के रिंकु के साथ ओकर सात साल के दोसर बहिन...माई-बाप आओर चाचा के सेहो अभियुक्त बनाओल गेल...बुच्ची पर बगल वाला घर स बर्तन आओर रुपया चुराबय के आरोप छई...बुच्ची के अभियुक्त बनौला से लोक सभ सन्न छथि... इलाका में जिनका एहि बारे में पता चलय छनि ओ चौंक जाई छथि...हुनका सभ के विश्वास नहिं भ रहल छनि जे ई बुच्ची पर केस भ गेल...सिर्फ लोके सभ नहिं कानून के जानकार लोकनि सेहो हैरान छथि... मुदा पुलिस के कि कहल जाउ हुनकर त दुनिया अलग छैन...पुलिस के त ई हाल जे ओ अपन गलति मानय लेल तैयार नहिं...दर-दुनिया स अंजान तीन साल के बुच्ची के त ईहो नहिं पता छै जे केस कि होइछ आओर ओकरा घर के बाहर एकाएक एतेक भीड़ किएक लागि गेल छै...पेपर...टीवी के कैमरामैन...पत्रकार सभ ओकर आगा- पीछा कए फोटो लेबय...समाचार बनाबय में लागल छथि...जे होय घर के स लोक त थाना आओर कोर्ट के चक्कर लगा रहल छथि।


मधेशी पर मार

मिथिलांचल केर बहुत बड़का इलाका नेपाल में आबैत अछि...अगर भारत नेपाल दुई देशक बात नहिं कएल जाय त मिथिलांचल चौदद्दी उत्तरी बिहार स लक नेपाल तक फैलल अछि...दुनु देशक लोक मैथिल कहाबय छैथि...आओर एहि कारणे दुनु देशक लोक कखनो एक दोसरा के अलग नहिं मानला...शुरू स एकटा परिवार जका रहैत गेला...मुदा नेपाल में माओवादी के आबिते ई सभ बदैलि गेल... पहिने त भारत नेपाल भेल...आब मधेशी वाला बखेड़ा खाड़ भ गेल छै...नेपाल के अपन नागरिक के ई साबित करय पड़ि रहल छै जे ओ नेपाली छैथि की नहिं...हिनका सभके मधेशी कहि भगाइल जा रहल अछि...जबकि नेपालक अर्थव्यवस्था में सभस बड़का योगदान हिनके सभक अछि...नेपाल में राजशाही खत्म होबय के बाद ई लगैत छल जे माओवादी आब शांति स रहता आओर हिंसा त्याग देताह...मुदा आब ओ मधेशी सभके निशाना बनाबय लगलाह अ...नवम्बर में ओहि ठाम चुनाव होबय वाला अछि... एहि के लक बिहार सरकार सेहो चिंता में अई... आशंका अछि जे चुनाव के समय माओवादी या नक्सली गतिविधि तेज भ सकैत अछि...एहि लक पटना में बिहार सरकार आओर नेपाल सरकार के आला अफसरक बैठक सेहो भेल अछि...असल में नेपाल आओर बिहार क बीच ७५० किलोमीटर के खुलल सीमा अई...आओर सुरक्षा के हिसाब स ई बहुत महत्व राखय अछि...ओना आब सीमा पर एसएसबी तैनात अछि मुदा एकरा पर्याप्त नहिं मानल जा सकय अ...एहि मे दिक्कत सेहो छै... ज्यादातर परिवार के कोनो नय कोनो रिश्तेदारी एक दोसर के इलाका में छै...किनको मामा त किनको चाचा नेपाल या बिहार में रहय छथिन्ह...हुनका स नाता केना तोड़ल जा सकय छै...एहि कारणे किछु खास समय के छोड़ि ज्यादा कड़ाई नहिं कएल जाइ अछि...दुनु देशक प्रबुद्ध जन के एक साथ आबि एहन रास्ता निकालय पड़ताह जाहि स एक बेर फेर स लोक सभ शांति स साथ साथ रहि सकय।


कलुआही में इतिहास

मधुबनी जिला में कलुआही प्रखंड के मधेपुर गांव में एकटा खेत स दुटा मृदभांड आओर मूर्ति मिलल अ ...एकरा देखय लेल लोकक भीड़ उमड़ि पड़ल... पिछला दस दिन स लोक सभ दूर-दूर स एकरा देखय लेल आबि रहल छथिन्ह। मुदा पुरातत्व विभागक ओर स एहि पर कोनो खास ध्यान नहिं देल गेल अछि।मधुबनी से हमर मित्र श्री अवनींद्र झा जी क कहनाय छैन जे जखन स कलुआही के मधेपुर गाम में ई मृदभांड आओर मूर्ति मिलल अ तखन स उ खेत एकटा तीर्थस्थल जका बनि गेल अछि...असल में एहि बेर आयल भारी बाढ़ि में खेतक माइट पानि के साथ बहि गेल... माटि के पानि साथ बहला के बाद ई अवशेष ऊपर आबि गेल आ जे कहुं देखाय लागल॥ई काफी समय स माटि के अंदर दहॉबल छल...ओना अखन ई पता नहिं चलल अ जे ई कोन काल के अछि॥लोक सभ एकरा एकटा चमत्कार के रूप में देख रहल छथिन्ह...ओना मिथिलाक इतिहास काफी समृद्ध रहल अछि...मुदा सही रखरखाव...देखरेख...संरक्षण नहिं भेलाह स पुरातात्विक महत्व वाला बहुत त नष्ट भ गेल आओर कइटा नष्ट होय वाला अछि...कतेक एम्हर ओन्हर भ गेल... जरूरत अछि जे पुरातत्व विभाग एकरा देखि एकरा बारे में पता लगाबय आओर लोक सभ के ई बताबैन्ह जे एकर की महत्व रहल अई ...आ ई कोन काल के अछि.

बीस साल बाद...

एकरा स बड़का नशा की होएत...एकरा स बड़का खुशी के पल कोन होएत...एहि स बड़का भीड़ कोन होएत...मुम्बई क छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर जखन भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्य पहुंचला त लाखों क्रिकेट प्रेमी फूल-माला, ढोल नगाड़ा के साथ हुनका स्वागत कयलाह। लोक सभक कहनाय छलन्हिजे ऐहन स्वागत आई धरि ककरो भेल होय आ कोन काजक लेल एतेक भीड़ उमड़ल होय से हुनका ध्यान नहिं छैन...ट्वेंटी-ट्वेंटी वर्ल्ड कप के फाइनल में पाकिस्तान के हराकए बुधवार सुबह जखन टीम इंडिया के खिलाड़ी सभ मुम्बई पहुंचलाह त पूरा मुम्बई जेना हवाई अड्डा पर हुनका स्वागतक लेल उमड़ि गेल होय...एहि अवसर पर बीसीसीआई अध्यक्ष शरद पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख, मीडिया कर्मी ...क्रिकेट प्रेमी आओर की की कहल जाउ सभ ओहि ठाम मौजूद छलाह... सैकड़ों...हजारों के बात नहिं लाखों प्रशंसक...मुम्बई के समुद्रके पास जेना जनसमुद्र उमड़ि पड़ल होय।हवाई अड्डा पर तिलक लगाकय स्वागत भेला के बाद खिलाड़ी सभ के दो मंजिला बस पर बैसा वानखेडे स्टेडियन ल जायल गेल...हवाई अड्डा स वानखेडे स्टेडियम के दूरी करीब ३० किलोमीटर अछि मुदा एतेक दूरी तय करय में करीब पांच घंटाके समय लागल...लागय छल जेना शहरक सभ रास्ता स्टेडियम तरफ जा रहल छै...मुम्बई के सड़क पर एतेक भीड़ कहियो नहिं उमड़ल...लोकक रेलमपेल...सभ आगा निकल टीम इंडिया के विजेता खिलाड़ी के एक झलक देख लेबय चाहैत छलाह... ढोल नगाड़ा के आवाज पर लोक सभ त नाचिते छलाह... श्रीसंत, युवराज और हरभजन सिंह से हो नाचय लगलाह...लोक सभक खुशी के मारे हाल बेहाल छल...संगहि संग टीम के खिलाड़ी सभ सेहो मस्ती स सराबोर भ गेलाह... बस के खुलल छत पर स हाथ हिलाकय वो अपन प्रशंसक अभिवादन स्वीकार करय छलाह ।
वानखेड़े स्टेडियम में बोर्ड अध्यक्ष शरद पवार एकटा भव्य सम्मान समारोह में टीम के स्वागत कयलाह आओर इनाम देलथिन्ह ... चौबीस साल बाद चौबीस तारीख के खिताब जीतय वाला टीम पर बोर्ड धनक बरसा कय़ देलक...एतेक इनाम देल गेल की सभ खिलाड़ी करोड़पति बनि गेलाह...सबस ज्यादा प्रशंसा मिलल युवराज सिंहके जे ६ गेंद पर ६ छक्का जड़ने छलाह। बोर्ड से त हिनका सभके धन मिलबे कयलन्हि अ...हिनका सभ के अपन राज्य में सेहो खूब इनाम मिलल .पिछला विश्वकप में लोकक जे क्रिकेट के प्रति मोहभंग जका भ गेल छल ओकरा ई विश्व कप एक बेर फेर स जगा देलक अ...आब लोक सभ फेर स क्रिकेट के बारे में बात करय लगलाह अ...जे कंपनी पिछला विश्वकप हारला के बाद खिलाड़ी सभ के अपन विज्ञापन से वापस ल लेने छलखिन्ह ओ फेर स खिलाड़ि सभ के पीछे दौड़य लगलाह अछि...खेल के साथ विज्ञापन के सेहो बल्ले बल्ले होय लगल अछि...एहि स सट्टेबाज सभ के पैसा त डूबबे कएल अछि...खेल के प्रप्ति उत्साह सेहो जागल अछि॥

दरभंगा जयनगर बड़ी लाइन

आखिरकार दरभंगा स जयनगर के बीच ट्रेनक चलनाय शुरू भ गेल...रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव २५ तारीख के जयनगर स कोलकाता के बीच चलय वाला गंगासागर एक्सप्रेस के झंडा दिखा बड़ी लाइन के उद्घाटन कएलाह...एहि अवसर पर रेलमंत्री मिथिलांचलक लोकके भरोसा देलथिन्ह जे जल्दीए जयनगर-दिल्ली के बीच गरीब रथ ट्रेन शुरू कएल जायत आओर जयनगर स्टेशन के माडल स्टेशन बनायओल जाएत।जयनगर स्टेशन स फिलहाल दुई जोड़ी सवाड़ी गाड़ी, शहीद एक्सप्रेस, जानकी एक्सप्रेस, सरयू यमुना एक्सप्रेस आओर कमला गंगा इंटरसिटी एक्सप्रेस चलत...बाद में दोसरो गाड़ी के एहिठाम स विस्तार देल जायत...रेल मंत्री लालू यादव कहलथिल्ह जे सीतामढ़ी-भीट्ठामोड़, जयनगर, लौकहा, निर्मली, रेल लाईन के सर्वे कार्य संपन्न भ चुकल छै आओर अगला बजट में सीतामढ़ी, निर्मली रेल लाईन के कार्य आरंभ कए देल जाएत।
दरभंगा जयनगर के बीच मीटर गेज (एमजी) बिछय के लगभग सौ साल बाद ब्राड गेज (बीजी) गाड़ी के परिचालन शुरू भेल अछि .. 1964 ई. में प्रकाशित पीसी चौधरी जीक किताब'बिहार डिस्ट्रिक्ट गजेटियर' के अनुसार 1907 वर्ष में सकरी-जयनगर के बीच नयी लाइन शुरू कएल गेल छल
श्री लालू यादव के सभा में भारी भीड़ उमड़ल...असल में रेल लाइन बंद भेला स लोक बड़ परेशान छलाह... कई बेर धरना प्रदर्शन...बंद सेहो भेल रहय..आब एक बेर फेर स रेल लाइन शुरू भेला स लोक सभ खुश छथिन्ह...मिथिलांचल स बाहर रहल वाला लोक लभ के सेहो ध्यान एहि बात पर लागल छल जे कहिका एकर उद्घाटन होयत...एहिस सिर्फ बिहार के दरभंगा मधुबनी के लोक के नहिं बल्कि नेपालक लोक के सेहो फायदा होयत...जयनगर में बैठु आओर सीधे दिल्ली...कोलकाता अमृतसर पंजाब पहुंचु....एखन भले एगो दुगो गाड़ी चलय के शुरू भेल अ धीरे धीरे दोसरो गाड़ी सभ चलबे करत... लोकसभ के बड़का सुविधा भऽ गेल अछि। आब रोजगारों खूब भेटत...इलाका में खुशहाली आयत।
ओना दरभंगा जयनगर रेलखंड पर ट्रेन चलनाय शुरू भेनो के बाद लोक में मुंहतकी के आलम छैबे छै ... लोकल गाड़ी अखन नहिं के बराबर अछि...नहिं कोनो टाइम टेबल उपलब्ध छै नई कोनो ट्रेन दिखि रहल छै...बस इहे उम्मीद छै जे बड़ी लाइन के उद्गाटन भ गेल त ट्रेने चलबे करत

राजनगर राज कैम्पस

पिछला लेख में दरभंगा से राजनगर यात्राके बारे में अहां स बात भेल...आब बात करई छी राजनगर के बारे में...राजनगर के राजपरिसर के दरभंगा महाराज लक्ष्मीश्वर सिंह के छोट भाई महाराज रामेश्वर सिंह करवैनेछलखिन्ह... मिथिलाक कला और संस्कृति में माछ के साथ हाथी के बड़ महत्व अछि...राज परिसर में जहां तहांअहां माछक निशान देख सकैय छी...एकरा शुभ मानल जाइत अछि... कोनो काम स पहिने माछक दर्शन शुभ होयअछि...आओर हाथी के राजसी शान के पहचान मानल गेल अछि.... एहि कारणे राज कैम्पस में हाथी महल ...ईमहल के दरवाजा पर दू टा हाथीके विशाल प्रतिमा बनल अछि...बच्चा में जखन हम सभ एतय जाइत छलहुं तएकरा हाथी वाला महल कहिक पुकारय छलहुं...मधुबनी स करीब १५ किलोमीटर दूर राज परिसरक महल के महाराज रामेश्वर सिंह अपने लेल बनौने छलाह... मुदा महाराज लक्ष्मीश्वर सिंह के मृत्युक पश्चात दरभंगा चलि गेलाह...हुनका दरभंगा गेलाह के बाद एकर उचितदेखरेख नहिं भेल...आ धीरे धीरे ई खंडहर में बदलैत गेल...एकर भव्यता के चर्चा दूर दूर तक होएत छल... एकरभव्यता...वैभव के बारे जतेक कहल जाय कम होयत... महल, मंदिरक दीवार पर कएल गेल नक्काश... कलाकारी...कलाकृति अद्भुत अछि...दीवार पर अहांके मिथिला पेंटिंग के अनुपम झलक मिलत...पत्थर...दीवार परशिल्पकला देखि अहां दंग रहि जायब...परिसर के महल...मंदिर में अहांके देशी विदेशी दुनू शैलीके समागम देखयके मिलत...छोट-छोट बात के विशेष ध्यान गेल अछि...चाहे मेहराब हो....गुम्बद हो... शिल्पकला के बेजोड़ नमूनादेखबाक लेल मिलय अछि...भने ई खंडहर में बदलि गेल अछि...आईओ १०० साल बाद एकर भव्यता...खूबसूरतीबेजोड़ अछि...

राजनगर राज परिसर स्थापत्य कला....शिल्पकला...चित्रकला के साथ साथ संस्कृति सभ्यता के जीबैत मिसाल अछि...राजमहल आओर एहिठाम बनल मंदिर कला प्रेमी के लेल कोनो दस्तावेज स कम नहिं अछि...एहिठामक लोकक कहनाई के मुताबिक महाराज के तंत्र मंत्र स विशेष लगाव छलन्हि...एहि कारणे वो परिसर में ग्यारह टा मंदिर बनवयलाह...आ एकरा में तंत्र मंत्र केसाथ अध्यात्म आओर वैदिक कला के संगम देखल जा सकय अ... लोक सबसे ईहो कहबा छैन जे एकरा बनवाबय लेल महाराज फ्रांस स ऑर्किटेक्ट मंगवौने छलाह... परिसर में चारू कात मंदिर बनल अछि...मुदा हुनकर तंत्र मंत्र स आस्थाक कारणे एकर मुंह दक्षिण तरह अई...संगमरमर वाला मंदिर के छोड़ि आओर सभ मंदिरक स्थिति खराब अछि...सरकार अगर चाहैत त एकरा पर्यटक स्थल के रूप मे विकसित कए सकैत छल...मुदा सरकार उदासीन रवैया अपनैने अछि... अखनो राजनगर आ आस पास के गांव में आबय वाला लोक सभ राज में घुमय लेल जरूर आबैत छैथि...छठ आओर एक जनवरी नववर्ष के त एतय भारी मेला लगि जाइत अछि...लोक सभ एतय पिकनिक मनावय छैथि...मिथिलांचल में अगर दू चारि टा घुमय वाला जगह अछि त ओहि में राजनगर के स्थान दरभंगाके बाद तय अछि...महाराय के एहिठाम स जयबाक बाद ई खंडहर में त बदलैते गेल...परिसर सुनसान सेहो रहय लागल छल...लोक सभ एहि ठाम निर्माण करय सेहो लगलाह...कतेक चीज सेहो गायब भ गेल...मुदा आब त एहि ठाम एसएसबी के डेरा बनला स रमन-चमन बनल रहय छै...पर लोकक विश्वास एखन धरि एसएसबी पर जमल नहिं अछि...खैर लोक सभ चाहैत छथिन्ह जे एकरा पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करय के प्रयास कएल जाय...जाहि से ज्यादा स ज्यादा लोक मिथिलाक गौरवशाली....भव्य इतिहास के जानि सकताह...

ऑर्कुट पर प्रेस क्लब

एकटा नया सर्वे आयल अछि... सर्वे के कहवाक छै जे भारत में इंटरनेटक इस्तेमाल करय वाला करीब आधा लोगसोशल नेटवर्किंग में अपन समय बिताबय छथिन्ह... एहि मामला में ऑर्कुट नम्बर १ पर अछि... एकर बाद डेटिंगआओर वैवाहिक साइट सभ के नंबर अछि...आई काल्हि ऑर्कुट पर नेटवर्किंग के जोर पकड़ल अछि... मेट्रो सS लक छोट छोट शहर...गांव घर तक ऑर्कुट अपन पक़ड बनौले जा रहल अछि...कोनो साइबर कैफे में चलिजाउ...आधा स ज्यादा लोग ऑर्कुटियाब में लगल मिल जाइत....ओना एकर फायदा सेहो बड़ छै...दोस्त सभ खूबबनय छै...अहांक संगी सभ जे बिछुड़ गेल छथि...बहुत दिन स भेट घांटि नहिं बेल छै...ऑर्कुट के माध्यम ससम्पर्क में बनल रहि सकय छी...मुदा ऑर्कुट पर चिरकुटौय सेहो कम नहिं भ रहय अछि...हाल फिलहाल में कईटाएहन कांड भ गेल अ जहि स एकरा ऊपर सवाल सेहो उठय लागल अई...ई क्राइम... सेक्स...देह व्यापार के सहायकसेहो बनल जा रहल अछि...एहि पर लोग सभ अपन अपन कम्युनिटी सेहो बनौले छथि...अपन विचारधारा...धर्म...जात... रोजगार...कामकाजस जुड़ल कम्युनिटी बनल अछि...ई लोक सभ के एकटा प्लेटफॉर्म उपलब्ध करबावय छै...ऑर्कुट स हमहुं जुड़ल छी आओर मिथिलाक कम्युनिटी स सेहो जुड़ल छी...दुटा कम्युनिटी हमहु बनौले छी...एकटाअछि "मिथिलांचल प्रेस क्लब"...दोसर अछि "मैं हूं ना"...असल में मिथिलांचल स सैकड़ों मिल दूर आबि हम सभ अपन अपन काम काज में लागल छी...एहि के कतेकहमर पत्रकार भाई लोकनि सेहो छैथि...सूचनाक आदान प्रदान जे हमर सभक शौक छल आब ओ पेशा बनि गेलअछि... आओर खबरक आपाधापी के बीच हम अपन लोक...गाम घर के नहिं भूलि....अपन पुरनका याद के जीवितराखि एकरा लेल मिथिलांचल प्रेस क्लब एकटा माध्यम बनि सकय अछि...अहां दुनिया के कोनो कोना में होय ईमंच के मार्फत आपस में मिल जुल सकय छी...अपन विचार रखि सकय छी...मीडिया के अंदर के खबर एक दोसरस शेयर क सकैत छी...मिथिलांचल विकासक बात के साथ साथ अपन लोक सभ के ईहो बता सकय छियए जेकोन जगह नौकरी के लेल लोक के जरूरत छै...ई मंच के माध्यम स हम पत्रकारिता स रूचि रखय वाला लोक सजुड़ि त सकय छी साथे...जे एहि क्षेत्र में आगा बढ़य चाहैत छैथि हुनका मार्गदर्शन सेहो क सकैत छी...त आउ एहिमंच पर अहांक स्वागत अछि...मिथिलांचल प्रेस क्लबhttp://www।orkut।com/Community।aspx?cmm=३६३१४९६९




मिथिलाक पान

मिथिलाक पहचान पान माछ मखान में से हम मखान के बारे में अहांके बता चुकल छी...आई हम बात करब पान के बारे में...मिथिलांचल में पानक विशेष महत्व देल गेल अछि...मिथिलांचल में पानक शौकीन लोक अहांके सभ ठाम मिल जाइत... कोनो एहन गाम नहिं मिलत जहां पानक दुकान नहिं होय...कोनो चौक चौराहा पर चलि जाउ सब ठाम पानक दुकान मिली जाइत...ओना बहुत लोक अपना घर में सेहो पान रखय छैथि...जखन मन भेल दुटा पान लगैलौंह और गाल मे खिल्ली दबा चलि देलौंह...कोनो काज प्रयोजन होय...पूजा पाठ होय...आ फिर कोनो मेहमानक...पाहुनक स्वागत होय... बिना पानक काज नहिं होयत...भोज भात के बाद त पान के लूटि मचि जाइत अछि....हमरा दिअ त हमरा दिअ....पानक हरिहर हरिहर पात लिय...चूना कत्था लगाउ...ओकरा उपर कतरल सुपारी डाली खिल्ली बना मुंह में दबा दिअउ... ओना गाम घर में बेसि लोक जर्दा...पत्ती संग पान काई छथि...शहर में रहय वाला सब त मीठा पत्ता खाई छैथि...पहिने हीरा मोती मीठा पान नामी छल आब त ढेर सारा ब्रांड आबि गेल अछि...मिथिला में पानक शौकीन लोग के त ई कहना छैन जे पान माछ आ मखान स्वर्ग टा में नहिं मिलैत अछि...अहि लेल जखन धरि पृथ्वी पर छी ई तीनोक आनंद लिअ...पान के ओना संस्कृत में ताम्बूल कहल जाइत अछि....पानक प्रयोग हिन्दू संस्कारस जुड़ल अछि... वेद में सेहो एकर जिक्र आएल अछि । पानक खेती के अधिक नमी आ कम धूप के जरूरत होयत अछि एकरा खास तरह स बनाउल गेल भीट में उगायल जाइत अछि...पान कई तरह होइत अछि... पुरनका पत्ता॥मीठा यह वर्गीकरण पत्तों की संरचना तथा रासायनिक गुणों के आधार पर किया गया है। रासायनिक गुणों में वाष्पशील तेल का मुख्य योगदान रहता है। पान में वाष्पशील तेलों के अतिरिक्त पत्ता...मगही...ओना फिल्म आओर मशहबर त बनारस वाला पान अछि...पान। में अमीनो एसीड...कार्बोहाइड्रेट आओर विटामिन सेहो होयत अछि....गाम घर में त पान से कई तरहक बिमारी के सेहो इलाज कइल जाइत अछि...इलाज त छोड़ु एकरा खयला के बाद ठोर पर जे लालि आबैत अछि ओकरा की कहल जाय... चेहरा के सुन्दरता में चारि चांद लगा दैत अछि।

टीवी, एफएम पर मैथिली

एहि बेर दरभंगा राजनगर यात्रा में सबसे सुखद बात ई रहल जे नेपाल के सीमावर्ती इलाका में छ टा (६) एफएम चैनल सुनय लेल मिलय...ओहो मैथिली में...एतेक खुशी भेल जे कहि नहिं सकय छी...रेडियो जानकी...जनकपुर एफएम...रेडियो जनकपुर...मिथिला एफएम...एफएम टुडे...जलेश्वर एफएम लोकक बीच धमाल मचौने अछि... जनकपुर, जलेश्वर स एकर प्रसारण होयत अछि...दरभंगा स जयनगर...सीतामढ़ी, बैरगनिया...वीरगंज...एम्हर सहरसा निर्मली तक सभतर हर दलान ...दोकान...घर में एफएम रेडियो के क्रेज छा गेल अछि...गीत संगीत... नाटिका... चर्चा... फोन ईन कार्यक्रम स लSक विज्ञापन तक सभ किछु मैथिली में... हम त दु तीन दिन तक खुशी स बौराइल रहलहुं... दिन- राति बस एफ एम सुनैत छलहुं... एम्हर अपना इलाका में एफएम रेडियो के बिक्री सेहो बड़ बढ़ि गेल अछि...सय...डेढ़ सय वाला रेडियो खुब बिक रहल अछि...एकरा प्रचार में एफएम वाला मोबाइल फोन सेहो सहयोग द रहल अछि...गीत-नाद त रमनगर रहबे करय अछि ...बीच बीच मे चुटकि.... चुटकुला सब लोक के गुदगुदयने रहैत अछि ... अपन मिथिलाक जे गप्पक रंग छै... एक बेर फेर ऊपर भेल अछि... मैथिली के तरफ लोकक रुझान बढ़स अछि... लोकके रोजगार के मौका सेहो मिलय लागल अई...लेकिन सभस बड़का दुखक बात ई एई जे एहि में एकोटा मैथिली एफएम स्टेशन बिहारक...मिथिला में नई अछि...सभक प्रसारण नेपाल के जनकपुर या जलेश्वर स भ रहल अछि... मिथिलांचल के राजधानी होय के बात दरभंगा करय अ मुदा एफएम के मामला में ओ नेपाल स पिछड़ि गेल... एहि के लेल हम मैथिल सेहो कम जिम्मेवार नहिं छी...हम सभ मैथिली में बातो टा करैत शरमाइत छी...ऑर्कुटे पर अपन इलाका के कइटा लोकके मैथिली में स्क्रैप करय के कोशिश कएलहुं...मुदा ओ सभ मैथिली मे करय स मना कए देलाह...नेपालक लोक स सीख लए हमरा सभके सेहो आगा बढ़य पड़त मिथिलांचल के दरभंगा...मधुबनी स सेहो शुरू करय के सोचय पड़त...दरभंगा रेडियो स्टेशन स सांझ में मैथिली पर कार्यक्रम त आवय अ ओ मुदा एफएम चैनल के तुलना में नीरस रहय अ...ओहि में काफी सुधारक जरूरत छै...ओना टीवी पर मैथिली कार्यक्रम के बात होय त एकर श्रेय सहारा समय बिहार-झारखंड चैनल के मिलत...सहारा समय बिहार झारखंड चैनल के प्रमुख छथिन्ह श्री संजय मिश्रजी हुनकर अथक प्रयास स सहारा समय चैनल पर आधा घंटा के कार्यक्रम समय मिथिलांचल के नाम से शुरू भेल अछि...संजयजी खुद मिथिलांचल स छथिन्ह एहि लेल हुनकर मार्गदर्शन में ई कार्यक्रम बढ़िया भ रहल अछि...एहि प्रोग्राम के एंकर छैथि श्री अजय झा ...अजयजी खुद शुरू स अंत तक लालग रहय छैथि...दरभंगा...मधुबनी,झंझारपुर, सहरसा, पूर्णिया, सीतामढ़ी और समस्तीपुर के रिपोर्टर स बात क स्टोरी तय करैत छैथि...रवि के मिथिलांचल में लोक सभ के ई कार्यक्रम के इंतजार रहैत छैन...मैथिल लोकक बीत ई काफी लोकप्रिय भ गेल अछि... दरभंगा...मधुबनी यात्रा के दौरान हमरा ई कार्यक्रम के बारे में लोक सभ स बात भेल...लोक सभ चाहैत छथिन्ह जे मैथिली मे एहि तरहक आओर कार्यक्रम बनय के जरूरत छै॥एम्हर एकटा आओर बात भेल अछि... नेपाल वन टीवी चैनल पर सेहो मैथिली में प्रसारण शुरू भेल अ...ई सांढ में भारतक समय अनुसार पौने आठ बजय आओर नेपालक समय मुताबिक आठ बजे स शुऱू होयत अछि...मैथिली में समाचार के साथ रोज चर्चा के कार्यक्रम प्रसारित होयत अछि... एहि में प्रतिदिन कोनो खास मुद्दा पर चर्चा कएल जाइत अछि जाहि में दर्शक के सेहो फोन पर सवाल पूछवाक आ अपन राय देबाक मौका मिलैत अछि...फोन इन चर्चा कार्यक्रम के बीच में मैथिलीत गीत नादसेहो देखबाक लेल निलय अई... आई स पहिने जे मैथिली गाना सिर्फ सुनय छलहुं आब देखबाक लेल सेहो मिलय अ...एहि के गेल आंखो देखी के संपादक नलिनी सिंह जी धन्यवादक पात्र छथिन्ह...नेपाल वन चैनल हुनके छैन आओर एहिकाजक लेल हुनका जतेक धन्यवाद देल जाय वो कम होयत...


यादों का दर्पण


मुझसे तुम क्या दूर गईयादों का दर्पण छोड़ गई... दिल बहलता जिससे मेरासाथ जो मुझको मिलता तेरापर तुम तो मुझसे रुठकरऐसे क्यूं नाता तोड़ गई...मुझसे...इसमें जब तेरा चेहरा दिखतातब मैं खोया-खोया रहतापर तुम तो सदा के लिए मेरातन्हाई से रिश्ता जोड़ गई...मुझसे...क्या-क्या नहीं सपने सजाये?फूलों के शहर में महल बनायेपर दिल ही नहीं तुम तोमेरा ताजमहल भी तोड़ गई...मुझसे...सबने ही ठुकराया मुझकोतुमतो कहती अपना मुझकोऔरों की क्या !तुम भी तो मुंह मोड़ गई..मुझसे तुम क्या दूर गईयादों का दर्पण छोड़ गई...
मिथिला प्राचीन काल में एकटा राज्य छल। आई-कालि उत्तर बिहार आओर नेपाल के तराईइलाका के मिथिलांचल नाम स जानल जाइत अछि॥ मिथिलाक लोकक भाषा मैथिली अछि। धार्मिक ग्रंथ में सबसे पहिल इकर उल्लेख रामायण में मिलैत अछि। दरभंगा,मधुबनी,समस्तीपुर,मुजफ्फरपुर,सीतामढी,जनकपुर,पूर्णिया,सहरसा,कटिहार, राजबिराज, बिराटनगर मिथिलांचलक प्रमुख शहर अछि...मैथिली के पहिने मिथिलाक्षर लिपि में लिखल जाइतछल जे बांग्ला स मिलैत अछि...मुदा आब ज्यादा लोकनि देवनागरी में मैथिली लिखैत छथिन्ह...विद्यापति मैथिलीक आदिकवि आओर सर्वाधिक ज्ञात कवि छथि...विद्यापति साहित्यक भक्ति परंपरा के प्रमुखस्तंभ मे स एक आओर मैथिली के सर्वोपरि कवि मानल जाइत अछि॥ मिथिलाक लोकनि के'देसिल बयना सबजन मिट्ठा' क सूत्र द उत्तरी-बिहार में लोकभाषाक जनचेतना जागृत कएलाह॥लोकव्यवहार में आइओ हुनकरचनाक प्रयोग होयत अछि...महाकवि विद्यापति संस्कृत, अबहट्ठ, मैथिली भाषाक प्रकाण्ड विद्वान छलाहकरीब ४स 5 करोड़ लोक मैथिली के मातृ-भाषा के रुप में प्रयोग करैत छथिन्ह...मैथिली साहित्यक अपन समृद्ध इतिहासरहल अछि..विद्यापति के मैथिली साहित्य में सबसे ऊँच स्थान प्राप्त छैन.. डा। हरिमोहन झा .. नागार्जुन मैथिलीकप्रमुख लेखक छैथि...२००३ में मैथिली के भारतीय संविधानक आठम अनुसूची में शामिल कएल गेल अछि...

हम मैथिल...


सांस्कृतिक रूप स मिथिला अपन भाषा, बोली, रचना, समृद्धि के लेल जानल जाइत अछि...कला संस्कृति, भाषा वासाहित्य आदिकाल स मिथिलाक पहचान रहल अछि...मुदा मैथिली भाषा के उचित सम्मान मिलवाक चाही आई धरिनहिं मिलल॥आई मैथिली समाजक लोक दुनिया भर में जतय छथि..मैथिली में रचना कय रहल छथि..अपनयोगदान द रहल छथि..एहि भाषाक विकासक लेल काम क रहल छथि.... हमरा सभके सरकारे टा पर निर्भर नहिरहय के चाही...मातृभाषा संप्रेषण आओर रचनाक लेल सभस उत्तम माध्यम अछि...फेर दुनिया में मैथिली स मधुरआओर कोनो भाषा मिलत...आ ई खुशी केर बात अछि जे आईयो बिहार स बाहर मैथिली में रचना भ रहल अछि.. हमसभ एक दोसर स बातचीत में मैथिली के जीवित रखने छी... मैथिली के ख्याति देश विदेश में पहुंचल एकर सबसबड़का श्रेय विद्यापति जी के जाइ छैन्ह..हुनकर रचना लोकक लेल प्रेरणा बनल...

दरभंगा

पग पोखरि माछ मखानसरस बोल मुसकि मुख पानविद्या वैभव शांतिक प्रतीकललित नगर दरभंगा थीक...आई स पन्द्रह बीस साल पहिने जखन अहां दरंभगा में प्रवेश करितौह त अहि संदेश स अहांक स्वागत होयत॥ एहिमें कोनो संदेह नहि जे दरमंगा सही मायने में ललित नगर अछि...आई के भागदौड़ वाला जमाना में अखनो धरिएहिठामक लोकक चेहरा पर मुसकि देखय लेल मिल जाएत...चिंता फिक्र स जेतय मुक्त अहां के एतय के लोकमिलत...ओतय आओर कोनो ठामक नहि...आओर विद्या॥पढ़ाई लिखाई मे त दुनिया भर में अपन परचम लहराएरहल छथि...मुदा एहि ठामक लोकक एकटा कमी ई छैन्ह जे गाम घर॥मिथिलाक चौहद्दी स निकलाह के बादमिथिला- मैथिली के बिसैर जाइ छथिन्ह...राजा जनक के समय में भने मिथिलाक राजधानी जनकपुर में छल मुदा आई के समय में यदि कोनो शहरमिथिलाक राजधानी अछि त वो अछि॥दरभंगा॥दरभंगा महाराजक मुख्यालय दरभंगा मे छल...दरभंगा में महाराजक भवन के कहवाके की...भले राजा रजवाड़आब नहि रहलाह हुनकर भव्य-आलिशान महल आईओ अपन सीना तानने खाड़ अछि...दरभंगा महराजक महलके देखबाक लेल लोक सभ दूर दूर स एतय आबेत छथिन्ह...ओना कइटा भवन त आब देखरेख के अभाव में खंडहरमें बदलल जा रहल अछि...मुदा आईओ एकर भव्यता में कोनो कमी नहिं आइल अछि... एहि टामक लोक चाहैतछथिन्ह कि दरभंगा के पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कएल जाय..अगर दरभंगा किला के देखल जाउ त ईदेखय में लालकिला स कम नहि लगैत अछि...जखन तक राजा महाराजा सभ छलाह राज परिसर के...महलके...किला के देखभाल नीक स होय छल मुदा आब ओ बात नहि रहल..राज खत्म भेला के बाद आब त राज भवनमें ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय आओर कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय के साथ साथ कईटा दफ्तरखुलि गेल अछि...जे लोकनि राजक दौर में राज के भव्यता देखने छथिन्ह...आजुक हाल देख कय पीड़ा महसूस कयसकैत छथिन्ह..राज परिसर में बनल काली मंदिर..मनोकामना मंदिर दर्शनीय स्थल अछि...इंद्र पूजा के समयराज मैदान में दूर-दूर स लोक आबैत छलाह और अहि अवसर पर वो मंदिर के संगे महाराज के भव्य महल..किलाके देखनाय नहिं भूलैत छलाह..मुदा आब वो बात नहिं रहल...आब त लागैत छै जेना सब किछु अतिक्रमण के चपेटमें आबि गेल होय...मिथिलांचल के भव्य इतिहास के जानबाक होय त स्टेशन के बगल में बनलसंग्रहालय...म्यूजियम जनाय नहिं भूलब...ओना एहि म्यूजियम अगर अहां 15-20 साल पहिने गेल होयब आओरआई जाएब त फर्क साफ दिखाय पड़त..बहुत किछु नजर नहिं आयत...जे हो अगर हम सभ आईओ प्रयास करि तदरभंगा एक बेर फेर अपन पहिने वाला गरिमा अर्जित कए लेत एकरा में कोनो संदेह नहि....

मिथिलाक मखान


मिथिलाक बारे में ई कहावत मशहूर अछि पग पग पोखर माछ मखान सरस बोल मुस्की मुख पान...मुदा मिथिलाक पहचान मखान संकट में अछि... अई बेर आइल प्रलयंकारी बाढ़ स मखान क खेती के बड़ नुकसान पहुंचलअछि... भ सकय अ एहि बेर अहां के खाई लेल कम मखान मिलय... मखान एकटा नीक गुण बला आहारअछि...मखानक आनंद अहां कच्चा, धी में फ्राई क...खीर बना क ल सकैय छी...बच्चा में त हम सभ पोखरि मेंजाक कच्चा दाना खाक जे सुख पावैत छलौंह ओकरा कि कहल जाउ...मिथिलांचल आओर मखान भने एक दोसरके पर्याय होय...मिथिलांचलक लेल भने सांस्कृतिक आ आर्थिक रुपेअहम स्थान रखैत होय...मुदा एहि व्यवसाय के आई धरि नई त आगा बढ़ावय के कोशिश कएल गेल आओर नईआई धरि एकरा उद्योग के दर्जा देल गेल... मिथिला में जतय दोसर उद्योग धंधा नहिं अछि...कृषि आधारित उद्योग केबढ़ावा देबाक जरूरत अछि... मखान... आम... लीची... स जुड़ल उद्योग बनाबय पड़त.... मिथिलाक समृद्धि के लेलई बड़ जरूरी अछि... मखानक खेती के बढ़ावा नहिं मिलला स किसान परेशान छथि... ओना आब गाम घर मेंनवका पोखरि सेहो नहि खुना रहल अछि...पोखरि कम भ रहल अछि...सुखा रहल अछि... आ एहि सभ कारणेमखान मिथिला स खत्म भ रहल अछि...केवटी दरभंगा के श्री विद्यानाथ झा जी एकरा विकासक लेल जीजान सकाम जुटल छथिन्ह॥मुदा हुनका जे सहयोग मिलवाक चाहि से नहिं मिल रहल अछि...ओना आब मखान सिर्फ मिथिलांचले नहिं मेट्रो सिटी में जतय ताकु मिल जाइत... किराना दुकान में मिल जाइतअछि॥मुदा आधुनिक बाजारत चमक दमक में ई व्यवसाय पिछैड़ रहल अछि... किसान मखानक खेती छोड़िदोसर धंधा अपना रहल छैथि...खेती छोड़ि दिल्ली...पंजाब के रुख कए रहल छथि...एकर खेती के व्यावसायिक ढंगसे बढ़ावा देबय के जरूरत अछि...एकर औषधिय आ पौष्टिक गुण के प्रचारित करय के जरूरत अछि...एकर महत्वके प्रचारित करय के जरूरत अछि...ज्यादा स ज्यादा पोखरि बनावय के जरूरत अछि... अगर एकर खेती के बढावादेल जाउ त एहि में कोनो संदेह नहि जे लोग सभ के रोजगार त भेटबे करतैंह...मिथिलांचलक पहचान मखान सेहोबचल रहत.........

दही-चूड़ा-चीनी


भोर में दफ्तर जाइ के धरफरि...दफ्तर पहुंचवा में एको मिनट देर भेल की आफत... नाश्ता तैयार नहिं आब कि कएल जाउ... ऐहने समय में काज आइल अपन मिथिलाक चूड़ा दही आओर चीनी...अहां एकरा मिथिलांचलक फास्ट फूड कही सकैय छी...एहि में कोनो संदेह नहि जे ई कोनो पिज़ा बर्गर...चाउमीन स फास्ट और पौष्टिक अछि...गाम में रहैत छलहुं त दही, चूड़ा- चीनी छल मुदा दिल्ली अएला के बाद ई चूड़ा -दही- चीनी में तब्दील भ गेल...ओना आब गामों में सेहे भ गेल छई...दूधक दिक्कत भ गेल छई...ओना आब गाम गाम में सुधा के दूध पहुंच लागल अछि...मिथिलाक ई फास्ट फूड में सबस बड़का खूबी ई अछि जे अहां के किछु खास नहिं करय के जरूरत अछि...बस पात बिछाऊ...चूड़ा-दही-चीनी राखू...साथ में जौं हरिहर मिरचाई...नून आओर अचार होय त की बात...शुरू करु आओर तृप्त भ जाउ...एहि में नहिं चुल्हा भूकए के झंझट नई सब्जी काटय बनाबय के परेशानी...बस चूड़ा-दही चीनी सानु और भ जाउ शुरू... पचयों में कोनो झंझट नहिं...चूड़ा-दही-चीनी में सबस बजका बात अछि जे ई पिजा बर्गर आ चाउमीन जका महंगा नहिं अछि...की गरीब...की अमीर सबके प्रिय भोजन अछि...एहि स नीक फास्ट फूड आओर की भ सकैत अछि...चूड़ा-दही-चीनी पर आदरणीय हरिमोहन झाजी अपन खट्टर काकाक तरंग में खूब लिखने छथिन्ह...सही मायने में हुनकर लिखल ई ग्रेट रचना अछि...रजो-तमो गुण में रमि जाउ...भोज-भात होय आ कतो जा रहल छी...बस पोटरी में चूड़ा-चीनी बान्हि लिअ...दही ल लिय...चलि दिअ...एहि स बन्हिआ पनिपिआई आओर की होयत...रास्ता में सेहो एहि स पवित्र की मिलत...आखिर ई ओहिना सालक साल स मिथिला के प्रिय आहार नहिं अछि...त अहुं भ जाउ तैयार जखन होई जल्दी में बस दू मिनट में चूड़ा-दही के आनंद ल काम पर चलि दिअ...

मिथिला राज्य

मिथिला राज्य के मांग एक बेर फेर जोर पकड़य लागय अछि...देश में कइटा राज्य एहन अछि जे क्षेत्रफल आओर जनसंख्या के हिसाब स देखल जाय त मिथिला स छोट अछि...मुदा राज्य बनला के बाद वो खूब तरक्की कएलक अछि...ओहिठाम लोकक जीवन स्तर सुधरल अछि...लोकक इनकम आओर पर्चेज पावर बढ़ल अछि...लोक के रोजगार के बेहतर अवसर मिल रहल अछि...उद्योग धंधा नहि रहलो पर ऊ राज्य खूब तरक्की कए रहल अछि...एहि में आईटी...बीपीओ...खाद्य प्रसंस्करण...पर्यटन...चिकित्सा, शिक्षा संस्थानक विशेष योगदान रहल अछि...मुदा एकरा लेल बेहतर इंफ्रास्ट्रकचर जरूरी अछि... बिना बेहतर रेल...सड़क संपर्क के विकासक बयार नहिं बहत...आओर ई बयार बहाबय लेल अलग राज्य बेहतर विकल्प भ सकैय अछि...अलग राज्यक मांग लय क पिछला दिन दिल्ली के जंतर मंतर पर मैथिली लोकनि धरना प्रदर्शन कएलन्हि... अखिल भारतीय मिथिला संघर्ष मोर्चाक अगुआई में भेल एहि धरना प्रदर्शन में मिथिला राज्य मांग जोर शोर सं उठाइल गेल....समिति के अध्यक्ष बैद्यनाथ चौधरी बैजू जीक संग सभ लोकनिक कहबाक छलैन जे मिथिला आदि काल स स्वतंत्र राज्य छल...मुदा आजादी के बाद राज्य नहिं बनला स ई उपेक्षा के शिकार बनल अछि...राज्य नहिं बलबाक एकटा कारण कहल जाइ त मिथिला स कोनो कद्दावर नेता के नहिं होबाक सेहो अछि...एकोटा एहन नेता नहिं भेलाह जे केन्द्र सरकार स अपन मांग मनाबय जानैत होयताह...वो ई एङि कद के नहिं भेलाह जिनका कहला पर सभ मैथिल लोकनि अक साथ खाड़ भ जयथिन्ह...एतेक जनाधार वाला नेताक कमी॥आओर पार्टी पॉलिटिक्स के कारण ई मुद्दा लटकल...फंसल अछि...जय मिथिला।

नैका बंजारा


गाम घर में त दुर्गा पूजा...इंद्र पूजा...सरस्वती पूजा... चित्रगुप्त पूजा के अवसर पर नाटक देखबाक लेल मिल जाइत छल...मुदा गाम घर से बाहर निकलला पर...सेहो बिहारक बाहर... दिल्ली, एनसीआर जइसन जगह में मैथिलीक कोनो नाटक...गीतनादक कार्यक्रम देखबा लेल कमे मिलैत अछि...आओर जों देखबाक लेल मिलैत अछि त वो एकटा सुखद अहसास स कम नहिं होयत अछि...ओना दिल्ली, नोएडा में मैथिली के आन कार्यक्रम...विद्यापति समारोह सभ होयत रहय छै...मुदा कार्यक्रमक बीच अंतराल एतेक होयत अछि जे पूछु नई...खैर बहुत दिनक बाद मैथिल लोकनि के दिल्ली में एकटा बढ़िया नाटक देखबाक लेल मिलल...दिल्ली के मंडी हाउस इलाका में मैथिली के प्रसिद्ध साहित्यकार ब्रजकिशोर शर्मा मणिपद्म जीक उपन्यास पर आधारित नाटक नैका बंजारा क मंचल कएल गेल...मिथिला में नैका बंजारा लोक कथाक रूप में प्रचलित अछि...एकरा ब्रजकिशोर शर्मा मणिपद्म जी उपन्यासक रूप देने छथिन्ह...जाहि लेल हुनका साहित्य अकादमी पुरस्कार स सेहो सम्मानित कएल गेल ...एहि उपन्यास के नाटकक रूप देला कुमार शैलेन्द्र जी...मैथिल दर्शक स भरल ऑडिटोरियम में मैथिली नाटक देखनाय लोकक लेल सुखद छल... ध्वनि आ प्रकाशक संयोजन जेहन सुन्दर छल मैथिल लोक शैली पर आधारित गीतक फुहार ओतबे रमनगर रहल...तकनीकी दृष्टि स ई नाटक जतेक प्रभावी छल, कलाकारक अभिनय ओतबे जीवंत.

दरभंगा स राजनगर

एहि बेर गर्मी छुट्टी में मन भेल जे दरभंगा राज सS राजनगर तक घुमल जाय... बिहार सम्पर्क क्रांति ट्रेन पकड़ि चलि पड़लऊ दरभंगा...गाम घर...अपन इलाका में पहुंचबाक खुशी...होइत छल जे कतेक जल्दी डेरा पर पहुंचु...ओहि दिन दरभंगा में मुसलाधार पानि रुकय के नामे नहि लैत छल...चप्पल उतारि..पेंट खोंसि स्टेशन सँ बाहर आबि ठेहुन भरि कादो पानि के बीच केहुना रिक्शा लय डेरा दिस विदा भेलहुं...भरि रास्ता लागय जे रिक्शा सS आब खसलहुं की तब खसलहुं...रोडक कतहुं पते नहिं चलय...ठेहुन भरि पानि स रिक्शा वाला सेहो परेशान छल...डेरा पहुंचि नहा-घो क टावर चौक दिस चलि देलंहु॥ चलय स पहिने अपन सभ जान पहचान वाला के फोन कय देलयन्हि दे आबि गेल छी...ओहि दिन वार्ड कमिश्नर चुनाव के रिजल्ट सेहो निकलल रहय ताहि शहर में काफी हो हल्ला रहय...सांझ में हमर सभक जुटानि भेल आजतक के रिपोर्टर प्रहलाद जी...उर्फ किलु जी के घर पर.... ओहि में सहारा समय राष्ट्रीय चैनल के जयपाल शर्मा जी...अजय मोहन प्रसाद जी...रोजाना के मणिशंकर जी...आंखो देखी के पप्पुजी...आओर एनडीटीवी के प्रमोद गुप्ता जी सेहो छलाह...हम १९८८ सँ २००१ तक प्रमोद जी के पिताजी श्री रामगोविन्द प्रसाद गुप्ता जी के तिरहुतवाणी में काम कअने छलहुं...गप्प...हंसी ठहाका में राति केना गुजरि गेल पता नहिं चलल...खैर तय भेल जे कालि राज कैम्पस घुमय लेल चलल जाइत...राज कैम्पस में गेला पर ऊ पुरान दिन याद आबि गेल...आब त चारों दिस अतेक निर्माणक काज चलि रहल अछि जे राज परिसर के भव्यता खत्म भ गेल अछि...मार्केट बनि गेल अछि...परिसर त छोडू...किला के अंदर सेहो मकान सभ बनि गेल अछि... राजाक भव्य महल...किला के संरक्षण के जरूरत छल मुदा ओहि पर कोनो ध्यान नहि देल गेल अछि...आलीशान पैलेस खंडहर में तब्दील भ रहल अछि...राज परिसर सँ भारि मने राजनगर लेल विदा भेलहुं...केवटी...रहिका...मधुबनी होयत राजनगर पहुंचला पर दरभंगा से ज्यादा दुख भेल... एहि ठाम काली मंदिर... महावीर मंदिर...सभ जीर्ण शीर्ण अवस्था में आबि गेल अछि... कोनो देखरेख नहिं...राज परिसर में लोक सभ अपन अपन घर सभ बना लेलथिन्ह अ...नौलखा महल सेहो खसि पड़ल अछि...हाथिक ऊपर बनल महलके सेहो हालत खस्ता अछि...ओना आई -काल्हि राज कैम्पस में भारत नेपाल सीमा पर सुरक्षा के लेल तैनात एसएसबी के केन्द्र सेहो बनि गेल अछि...एहि स एहि ठामक लोक सभ नाराज सेहो छैथ... हुनका सभक कहनाय छन्हि जे बस्ती वाला इलाका में सैनिक...जवान सभ के रहनाय नहिं ठीक होयत अछि...महिला सभ ओम्हर स गुजरय में विशेष सतर्क रहैत छथिन्ह...बड़ी लाइन बनय के कारण रेल बंद रहला से लोक सभ खूब परेशान छलाह॥ओहि दिन समस्तीपुर आओर हाजीपुर स रेलवे के किछु अफसर सब आयल छलाह निरीक्षण के लेल... खिसिआयल लोकसभ हुनका लोकनि के स्टेशने पर रुम में बंद कय देलखिन्ह...चारि महीना स भरोस दैत छलखिन्ह जे ई तारीख स ट्रेन चलय लहत ...तं ई तारीख स...लोक सभ परेशान... बरसातक महीना में राजनगर स मधुबनी जाय में लोकक पसीना छुटि जाइत छल...खैर फेवीकोल जका बनल एकटा जीप पर सवार होय दरभंगा दिस विदा भेलहुं...जतेक उत्साह स दिल्ली स दरभंगा...राजनगर लेल आयल छलहुं ओ खत्म भ गेल छल...आखिर हम सभ अपन अतीत.. विरासत...इतिहास के उदासीन किऐक छी...हम सभ एकर संरक्षण लेल खाड़ किएक नहि भ रहल छी...सिर्फ ढोल पिटला स काम नहि चलत... कहिया तक हम सभ मिथिला स बाहर एकर गुणगान करैत रहब... आखिर हम अपन आबय वाला पीढ़ी के की देखाबय चाहि छी...हमरा सभके उठय परत...अगर अहां सभ चाहैत छी जे मिथिला अलग राज्य बनय...विकासक रास्ता पर चलय ज सभ गोटे के मिलजुल के प्रयास करय पड़त...
हमर पहिल ब्लॉग में अहांक स्वागत अछि... ई ब्लॉग में हम सभ मिल कय अपन गाम घर... अपन मिथिलाक गप्पकरब... एक दूसराक दिलक बात करब... सुख-दुखक बात करब...मिथिलाक विकासक बात करब...हम कदम उठाचुकल छी बस अहां सभक सहयोगक दरकार अछि...

धन्यवाद

अहांक अपन॥


शैलेश कुमार झा