Wednesday, October 10, 2007

मिथिला राज्य

मिथिला राज्य के मांग एक बेर फेर जोर पकड़य लागय अछि...देश में कइटा राज्य एहन अछि जे क्षेत्रफल आओर जनसंख्या के हिसाब स देखल जाय त मिथिला स छोट अछि...मुदा राज्य बनला के बाद वो खूब तरक्की कएलक अछि...ओहिठाम लोकक जीवन स्तर सुधरल अछि...लोकक इनकम आओर पर्चेज पावर बढ़ल अछि...लोक के रोजगार के बेहतर अवसर मिल रहल अछि...उद्योग धंधा नहि रहलो पर ऊ राज्य खूब तरक्की कए रहल अछि...एहि में आईटी...बीपीओ...खाद्य प्रसंस्करण...पर्यटन...चिकित्सा, शिक्षा संस्थानक विशेष योगदान रहल अछि...मुदा एकरा लेल बेहतर इंफ्रास्ट्रकचर जरूरी अछि... बिना बेहतर रेल...सड़क संपर्क के विकासक बयार नहिं बहत...आओर ई बयार बहाबय लेल अलग राज्य बेहतर विकल्प भ सकैय अछि...अलग राज्यक मांग लय क पिछला दिन दिल्ली के जंतर मंतर पर मैथिली लोकनि धरना प्रदर्शन कएलन्हि... अखिल भारतीय मिथिला संघर्ष मोर्चाक अगुआई में भेल एहि धरना प्रदर्शन में मिथिला राज्य मांग जोर शोर सं उठाइल गेल....समिति के अध्यक्ष बैद्यनाथ चौधरी बैजू जीक संग सभ लोकनिक कहबाक छलैन जे मिथिला आदि काल स स्वतंत्र राज्य छल...मुदा आजादी के बाद राज्य नहिं बनला स ई उपेक्षा के शिकार बनल अछि...राज्य नहिं बलबाक एकटा कारण कहल जाइ त मिथिला स कोनो कद्दावर नेता के नहिं होबाक सेहो अछि...एकोटा एहन नेता नहिं भेलाह जे केन्द्र सरकार स अपन मांग मनाबय जानैत होयताह...वो ई एङि कद के नहिं भेलाह जिनका कहला पर सभ मैथिल लोकनि अक साथ खाड़ भ जयथिन्ह...एतेक जनाधार वाला नेताक कमी॥आओर पार्टी पॉलिटिक्स के कारण ई मुद्दा लटकल...फंसल अछि...जय मिथिला।

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