Wednesday, October 10, 2007

नैका बंजारा


गाम घर में त दुर्गा पूजा...इंद्र पूजा...सरस्वती पूजा... चित्रगुप्त पूजा के अवसर पर नाटक देखबाक लेल मिल जाइत छल...मुदा गाम घर से बाहर निकलला पर...सेहो बिहारक बाहर... दिल्ली, एनसीआर जइसन जगह में मैथिलीक कोनो नाटक...गीतनादक कार्यक्रम देखबा लेल कमे मिलैत अछि...आओर जों देखबाक लेल मिलैत अछि त वो एकटा सुखद अहसास स कम नहिं होयत अछि...ओना दिल्ली, नोएडा में मैथिली के आन कार्यक्रम...विद्यापति समारोह सभ होयत रहय छै...मुदा कार्यक्रमक बीच अंतराल एतेक होयत अछि जे पूछु नई...खैर बहुत दिनक बाद मैथिल लोकनि के दिल्ली में एकटा बढ़िया नाटक देखबाक लेल मिलल...दिल्ली के मंडी हाउस इलाका में मैथिली के प्रसिद्ध साहित्यकार ब्रजकिशोर शर्मा मणिपद्म जीक उपन्यास पर आधारित नाटक नैका बंजारा क मंचल कएल गेल...मिथिला में नैका बंजारा लोक कथाक रूप में प्रचलित अछि...एकरा ब्रजकिशोर शर्मा मणिपद्म जी उपन्यासक रूप देने छथिन्ह...जाहि लेल हुनका साहित्य अकादमी पुरस्कार स सेहो सम्मानित कएल गेल ...एहि उपन्यास के नाटकक रूप देला कुमार शैलेन्द्र जी...मैथिल दर्शक स भरल ऑडिटोरियम में मैथिली नाटक देखनाय लोकक लेल सुखद छल... ध्वनि आ प्रकाशक संयोजन जेहन सुन्दर छल मैथिल लोक शैली पर आधारित गीतक फुहार ओतबे रमनगर रहल...तकनीकी दृष्टि स ई नाटक जतेक प्रभावी छल, कलाकारक अभिनय ओतबे जीवंत.

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