Wednesday, October 10, 2007

कलुआही में इतिहास

मधुबनी जिला में कलुआही प्रखंड के मधेपुर गांव में एकटा खेत स दुटा मृदभांड आओर मूर्ति मिलल अ ...एकरा देखय लेल लोकक भीड़ उमड़ि पड़ल... पिछला दस दिन स लोक सभ दूर-दूर स एकरा देखय लेल आबि रहल छथिन्ह। मुदा पुरातत्व विभागक ओर स एहि पर कोनो खास ध्यान नहिं देल गेल अछि।मधुबनी से हमर मित्र श्री अवनींद्र झा जी क कहनाय छैन जे जखन स कलुआही के मधेपुर गाम में ई मृदभांड आओर मूर्ति मिलल अ तखन स उ खेत एकटा तीर्थस्थल जका बनि गेल अछि...असल में एहि बेर आयल भारी बाढ़ि में खेतक माइट पानि के साथ बहि गेल... माटि के पानि साथ बहला के बाद ई अवशेष ऊपर आबि गेल आ जे कहुं देखाय लागल॥ई काफी समय स माटि के अंदर दहॉबल छल...ओना अखन ई पता नहिं चलल अ जे ई कोन काल के अछि॥लोक सभ एकरा एकटा चमत्कार के रूप में देख रहल छथिन्ह...ओना मिथिलाक इतिहास काफी समृद्ध रहल अछि...मुदा सही रखरखाव...देखरेख...संरक्षण नहिं भेलाह स पुरातात्विक महत्व वाला बहुत त नष्ट भ गेल आओर कइटा नष्ट होय वाला अछि...कतेक एम्हर ओन्हर भ गेल... जरूरत अछि जे पुरातत्व विभाग एकरा देखि एकरा बारे में पता लगाबय आओर लोक सभ के ई बताबैन्ह जे एकर की महत्व रहल अई ...आ ई कोन काल के अछि.

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