Wednesday, October 10, 2007

ऑर्कुट-मैं हूं ना

आई काल्हिक भागि-दौड़ केर दुनिया में हम सभ नहिं तं ककरो अपन दिलक बात कहि पावय छी आ नहिं सुनि पावय छी...बस काज...काज आओर काज...एहि में हमर सभक दुनिया सिमटि कय रहि गेल अछि...ऑफिस सं घर आ घर सं ऑफिस...दोसर कोनो काज नहिं...आओर काज स बढय अ टेंशन...ऑफिस में काजक टेंशन...पढ़ाई के टेंशन...तं एक्जामक टेंशन...नौकरीक टेंशन...बॉस स झिक-झिक... गर्लफ्रेंड स अनबन...मनमुटाव...टेंशने...टेंशन... एहि में हम चाहैत छि जे कोई एहन होय जकरा स दिलक बात क सकी...कोय एहन होय जकरा सं अपन दुख दर्द बांटि सकी... जकरा सं दिलक बात करी त ओ मजाक नहिं बनाबय...ऊ भरोसा के लायक होय...अगर कोनो बात बताबि त ओकरा गंभीरता स लय...एहि सभ के ध्यान में रखि ऑर्कुट पर हम बनौने छी एकटा कम्युनिटी...मैं हूं ना...एहि में हम सभ एक दोसर स अपन दिलक बात करब...सुनब... पूरा धैर्य के साथ...धीरजक साथ...दोसराक परेशानी पर हंसय के बजाय हम ओकरा सुलझाबय के कोशिश करब... हुनकर दपख दर्द के दूर करय के कोशिश करब...जतय गोपनीयता बरतय के जरूरत होयत बरतब... किएक तं आजुक युग में एहन लोक मुश्किल सं मिलैत अई जे दोसर के बात धैर्य स सुनय छथि आओर ओकरा पर हंसि नहिं ओकरा दूर करय के कोशिश करय छथि...आई सभ लोकनि अपन बात कहय त चाहैत छथि मुदा सुनय नहिं चाहैत छथि...कोई अगर सुनाबय चाहैत छथिन्ह त ओकरा अनसुना कए दैत छथिन्ह...त एहि मै हूं ना में हम सभ ओहन लोकके परेशानी दूर करय के कोशिश करब... अगर अहांके लगय अ कि अहां में एतेय गट अई...एतेक ताकत...ऊर्जा अई...एतेक धैर्य अई त आगा आऊ आओर पूरा गंभीरता स लोकक बात सूनय के कोशिश करू...हुनका ई विश्वास दिलाबिओ जे घबराउ नहिं...हमरा पर भरोसा करु...हमरा सं अपन दिलक बात खुलिकए करु किएक त ...मै हूं ना। कम्यूनिटी के हर सदस्य एक दोसर से कहिऔ मै हूं ना।http://www।orkut।com/Community.aspx?cmm=36357150

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